Posts

Showing posts from February, 2021

पृथ्वी के खम्बों को कौन स्थिर रखता है?

Image
B. A. Manakala पृथ्वी और उसमें रहने वाले सब डोल उठते हैं , परन्तु मैं ही उसके खम्बे स्थिर रखता हूँ। भजन 75:3 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ( World Trade Centre) के जुड़वाँ टावर की नींव डालने के लिए ' स्लरी वॉल ' (Slurry Wall) की इंजीनीयरिंग तकनीक का उपयोग किया गया था। 1973 में इन्हें स्थापित किया गया था और 11 सितम्बर 2001 को हवाई जहाज़ का उपयोग करके उन टावरों पर हमला किया गया था। मनुष्य को चट्टानों पर निर्माण करना आसान लगता है जो परमेश्वर की सृष्टि का एक हिस्सा है। आखिरकार , हम केवल उसी के ऊपर ही निर्माण करते हैं जो परमेश्वर ने पहले से ही सृजा है और हम उन्हीं वस्तुओं का उपयोग कर रहे हैं , जो पहले से ही बनाया गया है! तो नींव परमेश्वर की ही हैं। "यदि परमेश्वर ही हैं जो पृथ्वी के खम्बों को स्थिर रखते हैं तो भूकम्प क्यों होते हैं ?" शायद यह एक प्रश्न हम पूछना चाहते होंगे। क्या ऐसा कुछ है जो आप और मैं भूकम्प को रोकने या पृथ्वी के खम्बों को स्थिर रखने के लिए कर सकते हैं ? परमेश्वर सबसे मज़बूत नींव डालते हैं जिसे कोई भी ताकत हिला नहीं सकती है। और यदि वे हि

निर्धारित समय

Image
B. A. Manakala परमेश्वर कहते हैं , " अपने ही निर्धारित समय पर मैं निष्पक्ष होकर न्याय करूँगा।" भजन 75:2 कहीं जाने के लिए मैंने अपने लिए ट्रेन में सीट बुक की थी। प्रस्थान का समय मध्यरात्रि 00:05 था। प्रस्थान के दिन मैं रेलवे स्टेशन गया और ट्रेन समय पर आ गई थी। मैं ट्रेन में चढ़ गया और अपनी सीट पर गया , तब पाया कि सीट पर कोई और व्यक्ति पहले से ही मौजूद था! हमारे बीच कुछ तर्कों के बाद उन्होंने मुझे मेरे टिकट पर दिखाया कि तारीख उसके पिछले दिन की थी! प्रत्येक बात के लिए समय नियुक्त है (सभो 3:1-8)। परमेश्‍वर ने दुष्टों के विरुद्ध न्याय करने के लिए एक समय नियुक्त किया है (भजन 75:2)। मुझे पूरा यकीन था कि मैं रेलवे स्टेशन पर समय पर आया हूँ ; परन्तु मैं बहुत गलत था। परमेश्वर आयोजित और नियत समय पर काम करते हैं। हमारा समय हमेशा परमेश्वर के समय के साथ मेल नहीं खाता होगा। परन्तु हमारा नहीं , परमेश्वर का ही समय-निर्धारण सबसे उत्तम है। प्रभु यीशु ने अपनी माँ से कहा , " मेरा समय अभी नहीं आया" ; परन्तु उन्होंने ' ठीक समय पर ' पानी को दाखरस में बद

हर जगह लोग वर्णन करते हैं!

Image
B. A. Manakala हे परमेश्वर , हम धन्यवाद , हाँ , आपका ही धन्यवाद करते हैं , क्योंकि आपका नाम निकट है। लोग आपके अद्भुत कार्यों का वर्णन करते हैं। भजन 75:1 भले ही , कोविड-19 धीरे-धीरे कम हो रहा है , दुनिया भर में हर जगह , लोग इस के बारे में बात कर रहे हैं , कहाँ इसकी शुरुआत हुई , यह कैसे फैलता है , इससे कैसे सुरक्षित रहना है , इसके लिए क्या इलाज करना है , आदि। परमेश्वर के अद्भुत कार्यों के बारे में उनके लोग जब घोषणा करते हैं , तो हमें बहुत ही ध्यानपूर्वक सुनने की ज़रूरत है। परमेश्वर और उनके कार्य सदा अद्भुत होते हैं। और यही एकमात्र ऐसे कार्य हैं जो आप हमेशा हर जगह साहसपूर्वक घोषित कर सकते हैं। कुएँ के पास प्रभु यीशु के सामरी स्त्री से बातचीत करने के बाद , उसने वापस जाकर अपने गाँव वालों को इसके बारे में घोषणा की। गाँव वालों ने प्रभु यीशु की बात सुनकर उन पर विश्वास किया (यूहन्ना 4)। हमारा जीवन हमारे आस-पास के लोगों से बहुत-सी बातों की घोषणा करता है। अपने मित्रों से पूछें कि हम अपने जीवन के द्वारा उन्हें क्या घोषित कर रहे हैं। क्या मैं प्रभु के अद्भुत कार

पीड़ित और दरिद्र परमेश्वर की स्तुति करते हैं!

Image
B. A. Manakala सताए हुए को अपमानित होकर लौटना न पड़े ; पीड़ित और दरिद्र तेरे नाम की स्तुति करें। भजन 74:21 क्रेडिट स्विस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट ( Credit Suisse Global Wealth Report) के अनुसार , " देश की सम्पत्ति का 58.4% हिस्सा भारत के 1% धनी लोगों के पास है"। ऑक्सफैम ( Oxfam) की रिपोर्ट के अनुसार , " भारत के अरबपतियों की कुल सम्पत्ति देश में दो बार पूर्ण रूप से गरीबी को खत्म करने के लिए पर्याप्त होगी।" कुछ लोग सोचते होंगे कि यदि सब कुछ अच्छे रीति से चलना है तो धनी होना ज़रूरी है। परन्तु यदि हम कुछ धनी लोगों से पूछें तो वे कहेंगे कि क्या उनके साथ सब कुछ ठीक चल रहा है या नहीं। प्रभु यीशु ने कहा कि परमेश्वर के राज्य में किसी धनवान का प्रवेश करना बहुत कठिन है (मरकुस 10:24-25)। धनी लोगों के लिए परमेश्वर की स्तुति करना और प्रार्थना करना भी बहुत कठिन है। यहाँ अच्छी बात यह है कि पीड़ित और दरिद्र बेहतर रूप से सुसमाचार को अपनाते और परमेश्वर की स्तुति भी करते हैं (भजन 74:21)। दरिद्रों के लिए , प्रार्थना और स्तुति करना बहुत ही स्वाभाविक है , जबकि ध

क्या परमेश्वर का उपहास किया जा सकता है?

Image
B. A. Manakala हे यहोवा , स्मरण कर कि शत्रु ने उपहास किया है , और मूर्ख जाति ने आपके नाम की निन्दा की है। भजन 74:18 एक बार बिलाम नाम का एक नबी परमेश्वर की इच्छा को तुच्छ समझते हुए गधे पर काठी कसकर चल पड़ा। जब परमेश्वर के एक दूत ने उनका मार्ग रोका , तब गधे ने अलग तरीके से व्यवहार किया। नबी ने गधे से पूछा , ' तुमने मेरा उपहास क्यों किया ?' ( गिनती 22) अलग-अलग अवसरों पर हमें अक्सर दूसरों ने उपहास किए होंगे और हमारा उपहास किए जाने पर हमें तुरन्त ही ठेस भी पहुँच सकती है। उपहास किए जाने पर प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिक्रिया दिखाने की क्षमता अलग होगी। नेतृत्व करने वाले लोगों को साधारण तौर पर विभिन्न प्रकार के उपहास का सामना करना पड़ता है ; परन्तु उनमें से ज़्यादातर लोग अपने नेतृत्व की भूमिका से नहीं भागते हैं। बिलाम नबी के गधे ने भी उनका उपहास किया था। हम कई तरीकों से परमेश्वर का उपहास करते होंगे। परन्तु मुझे नहीं लगता कि परमेश्वर को हमारे किसी भी तरह के उपहास से ठेस पहुँचती होगी। हम केवल उनकी सृष्टि हैं। परमेश्वर अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे द्वारा किए

समुद्र का विभाजित किया जाना !

Image
B. A. Manakala आप ने अपने सामर्थ्य से समुद्र को दो भाग कर दिया ; आप ने समुद्र के विशाल जन्तुओं के सिर फोड़ डाले। भजन 74:13 यदि हम टाइटन ( Titan) के घड़ी-निर्माताओं को ऐसी घड़ी बनाने के लिए कहें जो पीछे की ओर चले , तो उन्हें यह यांत्रिक परिवर्तन लाने के लिए केवल एक मिनट का ही समय लगेगा। ब्रह्मांड के सृष्टिकर्ता के लिए क्या यह आसान नहीं होगा कि 24 घंटों के लिए एक सूर्य को रोकना , छाया को पीछे की ओर ले जाना , समुद्र को दो भागों में विभाजित करना , पानी पर चलना , मृतकों को जीवन प्रदान करना और क्या नहीं ? यदि हम 13 से 17 तक के वचन पढ़ते हैं (भजन 74) तो ये वचन हमें परमेश्वर की सामर्थ के बारे में कुछ संकेत दे सकते हैं। परमेश्वर जो कुछ भी वास्तव में कर सकते हैं , उनके सामने ये सभी महान् और अद्भुत कार्य जो उन्होंने किए और करते हैं , यह सब कुछ भी नहीं हैं। मेरा मानना है कि ऐसी तुलना करना ही परमेश्वर को अपमानित करने के बराबर है! परमेश्वर के अलावा कोई भी कभी भी समुद्र को विभाजित नहीं कर सकता है! परमेश्वर ने हमारे ही समान एक व्यक्ति , मूसा के द्वारा यह कार्य किया। इन स

प्राचीनकाल से मेरा राजा !

Image
B. A. Manakala फिर भी परमेश्वर प्राचीनकाल से मेरा राजा है , जो पृथ्वी पर छुटकारे का कार्य करता आया है। भजन 74:12 वेल्स ( Wales) के ट्रेलेक्क ( Trellech) में हेरोल्ड के पत्थरों ( Harold stones) को देखना आश्चर्य की बात थी , जो कि काँस्य युग में 3,500 वर्षों पूर्व की है , 2018 में हमने परिवार के साथ इस देश का दौरा किया था! इतने लम्बे समय से मौजूद किसी चीज़ के बारे में समझना आसान नहीं था। पृथ्वी पर कई लोगों को राजा के रूप में चुना गया है। उनमें से कोई भी राजा के रूप में नहीं जन्मा था ; परन्तु वे राजाओं के रूप में चुने गए और उनका अभिषेक किया गया। यहाँ एक ' व्यक्ति ' हैं , जो प्राचीनकाल से ही राजा हैं और आने वाले युग में भी राजा रहेंगे। उनके ऊपर किसी और को कोई अधिकार नहीं है जो कभी भी उनका अभिषेक कर सकें। वह ही एकमात्र ' व्यक्ति ' हैं जो पृथ्वी पर उद्धार लाने में समर्थ हैं (भजन 74:12) ; एकमात्र ' वही ' हैं जो सदा के लिए राज्य करते हैं (भजन 146:10) ; एकमात्र ' वही ' हैं जो सभी जातियों पर शासन करते हैं (भजन 47:8) ; एकमात्र ' वही

सामर्थी दाहिना हाथ !

Image
B. A. Manakala तू ने अपना हाथ , हाँ , अपना दाहिना हाथ क्यों रोक रखा है ? उसे अपने सीने से हटाकर उनका नाश कर दे। भजन 74:11 ऊँट उन जानवरों में से एक है जो बड़ी ज़ोरदार लात मारते हैं। वे एक ही समय पर अपने चारों पैरों से चार अलग-अलग दिशाओं में अपनी लात से मार सकते हैं। इस तरह से कभी-कभी वे सिंहों से भी बच निकलते हैं। मेरा ऐसा मानना है कि किसी भी ताकतवर चीज़ के साथ , परमेश्वर के सामर्थी दाहिने हाथ की तुलना करना केवल मूर्खता की ही बात होगी। जिन सैनिकों ने प्रभु यीशु के हाथों पर कील ठोंके थे , उन्हें यह पता नहीं था कि उनके हाथ कितने सामर्थी थे। जब रोमी अधिकारियों ने प्रभु यीशु की कब्र पर मुहर लगाया तो उन्हें यह कभी नहीं पता था कि वह इससे बाहर आने के लिए सामर्थी होंगे। जिन हाथों ने हमें भूमि की मिट्टी से सृजा (उत्पत्ति 2:7) ; जिन हाथों ने पाँच रोटियों और दो मछलियों को आशीष दी (यूहन्ना 6) , जिन हाथों ने याकूब की जाँघ को छुआ था (उत्पत्ति 32) , जिन हाथों ने अँधे को छुआ था (मत्ती 20) , जिन हाथों ने पानी में डूब रहे पतरस को बचाया था (मत्ती 14:31) , और जिन हाथों ने चन्द

परमेश्वर की उपहास और निन्दा करते हैं ?

Image
B. A. Manakala हे परमेश्वर , द्रोही कब तक उपहास करता रहेगा ? क्या शत्रु तेरे नाम की निन्दा सदा करता रहेगा ? भजन 74:10 किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जो आपके सामने आपकी बहुत तारीफ करता है , लेकिन जब भी उसे मौका मिलता है तो वह आपके बारे में गपशप भी करता है। ऐसी तारीफों का कोई मूल्य नहीं होता है। हम शायद कभी भी जानबूझकर परमेश्वर की निन्दा नहीं करते हैं। परन्तु जब हम पवित्र शास्त्र (बाइबल) में देखें तो हमें पता चलेगा कि किन अलग-अलग तरीकों से हम परमेश्वर की निन्दा करते हैं। ये उनमें से दो प्रकार हो सकते हैं: 1) परमेश्वर का हमारे होंठों से ही आदर करना , जबकि हमारे हृदय उनसे बहुत दूर हैं (यशा 29:13) ; 2) व्यवस्था का उल्लंघन करके परमेश्वर का अनादर करना (रोमि 2:23)। हम सभी के जीवन में गुप्त और सार्वजनिक , ये दोनों भाग होते हैं ; दोहरा जीवन न जीते हुए गुप्त और सार्वजनिक जीवन से परमेश्वर का आदर करना बहुत महत्वपूर्ण है। परमेश्वर का वास्तव में आदर करने के लिए मैं कौन से सुधारात्मक उपाय करता हूँ ? हमारे होंठों से परमेश्वर का आदर करना बहुत ही आसान

चिह्न-चमत्कार अब नहीं दिखाई दे रहे हैं?

Image
B. A. Manakala हमको हमारे चिह्न नहीं दिखाई पड़ते ; अब कोई नबी न रहा , न हमारे मध्य कोई जानता है कि कब तक ऐसा रहेगा। भजन 74:9 कई वर्षों पूर्व रेलवे ट्रैक के पास एक कमरे में मैं रहा करता था। शुरू में कुछ दिनों के लिए जब भी कोई ट्रेन रात में गुज़रती थी तो मैं अपनी नींद से जाग जाता था। परन्तु धीरे-धीरे मुझे उस शोर की आदत हो गई कि मैंने फिर कभी ध्यान ही नहीं दिया कि ट्रेन कब गुज़रती थी! भजनकार को कोई चिह्न-चमत्कार न दिखाई पड़ने और यहाँ तक कि नबियों की अनुपलब्धता की शिकायत है (भजन 74:9)। कई कारणों से हम यह नहीं समझ पाते हैं कि कुछ विशेष परिस्थितियों में परमेश्वर किस तरह से कार्य करते हैं। कभी-कभी हम परमेश्वर की आवाज़ नहीं सुन सकेंगे या उनकी उपस्थिति को अनुभव नहीं कर सकेंगे। कुछ कारण ऐसे हो सकते हैं: 1) कुछ उद्देश्यों के लिए परमेश्वर के कार्य में देरी होती है (यूहन्ना 11:4) ; 2) हमारे विश्वास की कमी के कारण भी परमेश्वर चिह्न-चमत्कार नहीं कर पाते हैं (मरकुस 6:5) ; 3) या यह भी हो सकता है कि हम उन चिह्न-चमत्कारों को देख नहीं पाते होंगे (मरकुस 8:18)।  भले

पवित्रस्थान को अशुद्ध करना

Image
B. A. Manakala उन्होंने तेरे पवित्रस्थान को जलाकर भस्म कर डाला है , और तेरे नाम के निवासस्थान को अशुद्ध कर दिया है। भजन 74:7 एक बार जब मैं एक हिन्दू मित्र के साथ कहीं गया , तो एक जगह पर मैंने उसे अपने जूते को उतारते हुए देखा। उसके प्रति मेरे सम्मान के कारण मैंने अपने जूते भी उतार दिए। जो लोग भी वहाँ से गुज़र रहे थे , वे सब भी बिना जूतों के थे , क्योंकि उसके पास में एक मन्दिर था। मैंने अपने मित्र की भक्ति के लिए उसे सराहा। चर्च की इमारतों का विनाश करना और मसीहियों को सताना , इन दोनों बातों को परमेश्वर के पवित्रस्थान को अशुद्ध करने के समान माना जा सकता है , क्योंकि हमारी देह भी परमेश्वर के मन्दिर हैं (1 कुरि 6:19)। जैसे प्रभु यीशु ने किया , वैसे ही मैं भी परमेश्वर से उन्हें क्षमा करने के लिए प्रार्थना करना चाहूँगा , क्योंकि वे इस बारे में अनजान हैं कि वे क्या करते हैं (लूका 23:24)। आखिरकार , हमें इस दुनिया में कई क्लेशों और दुखों का सामना करना पड़ता है (यूहन्ना 16:33)। परन्तु मेरे पास इस बात का कोई उत्तर नहीं है कि जब हम खुद ही उसको अशुद्ध करते हैं , जिन्ह

परमेश्वर को क़दम बढ़ाने दें ...

Image
B. A. Manakala अपने क़दम अनन्त खण्डहरों की ओर बढ़ा , अर्थात् उस सारे विनाश की ओर जो शत्रु ने पवित्रस्थान में किया है। भजन 74:3 मुझे स्कूल के उन दिनों की बहुत शोर भरी कक्षाएँ अभी भी बहुत अच्छे से याद हैं। जब भी प्रधानाचार्य अन्दर आते थे , तो ऐसा सन्नाटा छा जाता था कि मैं अपने दोस्तों को साँसें लेते हुए भी सुन सकता था! जब आदम ने पाप किया था , तब अदन की वाटिका में परमेश्वर ने पहली बार अपना क़दम रखा (उत्पत्ति 3:8)। बाद में परमेश्वर देहधारी हुआ और पृथ्वी पर हमारे बीच में वास किया (यूहन्ना 1:14)। परमेश्वर को हमारे मध्य में क़दम रखने देने से वह हमारे परमेश्वर और हम उनकी सन्तान बन जाते हैं (लैव्य 26:12)। एक बार जब प्रभु यीशु के चेले समुद्र में एक तूफान में फँस गए थे , तब प्रभु यीशु पानी पर चलते हुए नाव पर चढ़ गए ; फिर हवा थम गई और सब कुछ शान्त हो गया (मत्ती 14:32)। परमेश्वर से हमारे मध्य में क़दम रखने का आग्रह करना ही हमारी समस्याओं का समाधान पाने का सबसे उत्तम तरीका है। क्या मैं परमेश्वर को अपने जीवन की समस्याओं पर क़दम रखने देता हूँ ? जितना अधिक हम परमेश्वर को क़द

प्राचीनकाल में मोल लिए गए !

Image
B. A. Manakala अपनी मण्डली को जिसे तू ने प्राचीनकाल में मोल लिया , जिसे तू ने अपनी मीरास का गोत्र बनने के लिए छुड़ा लिया , और सिय्योन पर्वत को भी जिस पर तू ने वास किया , स्मरण कर। भजन 74:2 मैं बहुत छोटा था जब मेरी बड़ी दादी ने स्कूल में उनकी एक सहेली के बारे में बताया - कैसे वे एक साथ स्कूल जाती थीं और साथ में खेलती थीं। सन 1980 में 96 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। मैं एक छोटा बच्चा ही था , तो मैं यह समझ नहीं पा रहा था कि कितने वर्ष पहले वे दोनों छोटी बच्चियाँ थीं और एक साथ खेलती थीं! आज मैं अंदाज़ा लगा सकता हूँ कि यह सिर्फ 130 वर्ष पुरानी कहानी थी! भजनकार परमेश्वर को यह स्मरण दिलाने का प्रयत्न कर रहा है कि परमेश्वर के लोग उनके द्वारा बहुत पहले से ही चुने हुए थे (भजन 74:2)। क्या परमेश्वर को ऐसे स्मरण दिलाने की ज़रूरत है ? मुझे लगता है कि सच्चाई यह है कि हम साधारण तौर पर भूल जाते हैं कि परमेश्वर ने हमें जगत की उत्पत्ति से पूर्व मसीह में चुन लिया (इफि 1:4)। विभिन्न माध्यमों से परमेश्वर को ही हमें जीवन में कई बार स्मरण दिलाना पड़ता है। जब परमेश्वर स्वयं हमें स