समुद्र का विभाजित किया जाना !

B. A. Manakala

आप ने अपने सामर्थ्य से समुद्र को दो भाग कर दिया; आप ने समुद्र के विशाल जन्तुओं के सिर फोड़ डाले। भजन 74:13

यदि हम टाइटन (Titan) के घड़ी-निर्माताओं को ऐसी घड़ी बनाने के लिए कहें जो पीछे की ओर चले, तो उन्हें यह यांत्रिक परिवर्तन लाने के लिए केवल एक मिनट का ही समय लगेगा। ब्रह्मांड के सृष्टिकर्ता के लिए क्या यह आसान नहीं होगा कि 24 घंटों के लिए एक सूर्य को रोकना, छाया को पीछे की ओर ले जाना, समुद्र को दो भागों में विभाजित करना, पानी पर चलना, मृतकों को जीवन प्रदान करना और क्या नहीं?

यदि हम 13 से 17 तक के वचन पढ़ते हैं (भजन 74) तो ये वचन हमें परमेश्वर की सामर्थ के बारे में कुछ संकेत दे सकते हैं। परमेश्वर जो कुछ भी वास्तव में कर सकते हैं, उनके सामने ये सभी महान् और अद्भुत कार्य जो उन्होंने किए और करते हैं, यह सब कुछ भी नहीं हैं। मेरा मानना है कि ऐसी तुलना करना ही परमेश्वर को अपमानित करने के बराबर है!

परमेश्वर के अलावा कोई भी कभी भी समुद्र को विभाजित नहीं कर सकता है! परमेश्वर ने हमारे ही समान एक व्यक्ति, मूसा के द्वारा यह कार्य किया। इन सभी बातों में सबसे अद्भुत बात यह है: यदि हम परमेश्वर पर विश्वास और भरोसा रखते हैं, तो जो सारे कार्य स्वयं परमेश्वर करते हैं या करना चाहते हैं, वो सब वह आपसे और मुझसे करवाते हैं!

परमेश्वर के विशेष कार्य के हिस्से के रूप में दैनिक आधार पर 'कई समुद्रों को विभाजित करने' के लिए परमेश्वर को मुझे सक्षम बनाते हुए क्या मैं देखता हूँ?

परमेश्वर केवल उतने ही सामर्थी नहीं हैं जितना कि हम सोचते हैं; मेरा ऐसा मानना है कि हम केवल इस बारे में गलत निष्कर्ष ही दे सकते हैं कि वह कितने सामर्थी हैं!

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, आप कितने सामर्थी हैं, इसके बारे में मेरी अपनी समझ पर मुझे कभी भी भरोसा न रखने दीजिए। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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