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Showing posts from August, 2020

परमेश्वर प्रभुता करते हैं

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B.A. Manakala जलजलाहट में उनका विनाश कर, हाँ, विनाश कर कि उनका अन्त हो जाए, कि लोग जानें कि परमेश्वर याकूब पर वरन् पृथ्वी की छोर तक, प्रभुता करता है। भजन 59:13 मान लीजिए, मैं ऐसा कहता हूँ: 'मैं उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करता।' क्या इसका मतलब यह होगा कि अब वह प्रधानमंत्री नहीं हैं? जैसा कि यहाँ दाऊद ने प्रार्थना की है कि परमेश्वर को हमेशा क्रोध में प्रकट होकर लोगों को नाश करके दुनिया को हमेशा यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि वही सभी के ऊपर प्रभुता करते हैं (भजन 59:13)। परमेश्वर राजा हैं (भजन 97:1) चाहे कुछ भी हो जाए! केवल कभी-कभी हमें यह एहसास हो सकता है कि परमेश्वर ही प्रभुता करते हैं: जब बाढ़ आती है (उत्प 6); जब समुद्र विभाजित होता है (निर्ग 14:21); जब कोई अद्भुत कार्य होता है, जब कोई महामारी होती है, जब हमारे किसी प्रिय व्यक्ति की मृत्यु होती है, आदि। आप अपने आप को लगातार यह कैसे याद दिलाएँगे कि परमेश्वर हर समय सब पर प्रभुता करते हैं? चाहे ऐसा महसूस हो या न हो, परमेश्वर ही अनन्त काल के लिए सभी के ऊपर प्रभुता करते हैं! प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, सब पर प्रभुता

घमण्ड, शाप और झूठ !

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B.A. Manakala वे अपने मुँह के पाप और होंठ के शब्दों के कारण, और अपने शाप देने तथा झूठ बोलने के कारण, अपने घमण्ड में ही पकड़े जाएँ। भजन 59:12 एक दिन मेरा चश्मा नहीं मिल रहा था और मैं अपने चश्मे को खोजता रहा। अंत में मुझे चश्मा मिल गया जब मेरे परिवार के सदस्यों ने मुझे आईने में देखने को कहा। तब मुझे पता चला कि मेरा चश्मा मेरे ही सिर पर रखा था! दाऊद यहाँ कहता है, कि आप अपने ही भीतर के घमण्ड, शाप और झूठ में ही पकड़े जा सकते हैं (भजन 59:12)। हम अक्सर ऐसा सोचते हैं कि हम केवल अपने शत्रुओं के द्वारा ही पकड़े जा सकते हैं। और हमें यह एहसास नहीं होता है कि अक्सर हमारा शत्रु खुद हमारे भीतर ही मौजूद होता है। यह मानवीय स्वभाव है कि हम अक्सर यह नहीं देख पाते हैं कि हमारे स्वयं के भीतर क्या है, जबकि दूसरा व्यक्ति उन्हें आसानी से समझ सकता है। परमेश्वर का वचन एक सामर्थी आईना है जो आपके भीतर की हर बात की जाँच करता है (याकूब 1:23-24), यहाँ तक ​​कि वे सब बातें भी जिन्हें आप स्वयं नहीं देख सकते। क्या आप जाँच करेंगे कि आपके स्वयं के भीतर जो घमण्ड, शाप या झूठ वास करते हैं, क्या वे आपके अपने दुश्मन हैं? जो आप खु

परमेश्वर हमारी ढाल

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B.A. Manakala उन्हें घात न कर, ऐसा न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए। हे प्रभु, हे मेरी ढाल, उन्हें अपने सामर्थ्य से तितर-बितर कर, उन्हें दबा दे! भजन 59:11 जब राजा नबूकदनेस्सर ने शद्रक, मेशक और अबेद-नगो को धधकती हुई भट्टी में फेंक दिया तो परमेश्वर स्वयं उनकी ढाल के रूप में वहाँ प्रकट हुए ताकि वे सुरक्षित रहें (दानि 3:24-25)। यहाँ दाऊद परमेश्वर को 'हे प्रभु, हे हमारी ढाल' कहकर संबोधित कर रहा है। याद करें, एक बार दाऊद ने गोलियत के विरुद्ध लड़ने के लिए मानवीय ढाल पहनने की कोशिश की थी, जिसे राजा शाऊल ने उसे दी थी।  परमेश्वर स्वयं ही दाऊद की ढाल थे;  और गोलियत की ढाल काम नहीं आई! गोलियत जैसे विशाल दानव के विरुद्ध और कौन हमारी ढाल हो सकता है? आग में, सिंहों की माँद में, बाढ़ में, बन्दीगृह में, तूफानी मौसम में? परन्तु, जब आप जीवन में कठिन समय से गुज़रते हैं तो ऐसा मत सोचिए कि परमेश्वर ने आपकी सुरक्षा का कवच हटाया। परमेश्वर के सर्वश्रेष्ठ उद्देश्य अभी भी आपकी भलाई के लिए ही हैं। क्या आपने कभी परमेश्वर को अपनी ढाल के रूप में अनुभव किया है?  आप परमेश्वर को अपनी स्थायी ढाल ​​कैसे बनाएँगे? सभी प्र

मेरा परमेश्वर

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B.A. Manakala मेरा परमेश्वर अपनी करुणा में मुझ से भेंट करेगा; परमेश्वर ऐसा होने देगा कि मैं अपने शत्रुओं को विजय-दृष्टि से देखूँ। भजन 59:10 "यह मेरी माँ है", उनके बच्चों में से एक ने चिल्लाते हुए उन्हें गले लगाया। यह सुनकर, एक के बाद एक, अन्य दोनों भाई-बहन भी उनके पास दौड़े और वही दावा करने लगे। लड़ाई तब खत्म हुई जब माँ ने उन सभी को एक साथ अपनी बाहों में भर लिया और कहा 'तुम सब मेरे ही बच्चे हो'। दाऊद का परमेश्वर के साथ एक व्यक्तिगत सम्बन्ध था जिससे उनको 'हे मेरे परमेश्वर' कहकर संबोधित करने के लिए उसमें दृढ़ विश्वास था। परमेश्वर आपके और मेरे साथ एक करीबी और व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाने की इच्छा रखते हैं। परमेश्वर ने व्यक्तिगत सम्बन्ध बनाने के लिए ही सबसे पहले सिर्फ एक मनुष्य, आदम को बनाया था। क्या आप यह विश्वास करते हैं कि परमेश्वर ने आपको भी इसी उद्देश्य से बनाया है? जब आप परमेश्वर को 'हे मेरे परमेश्वर' कहकर पुकारें, तब वह उस सम्बोधन को सुनना बहुत पसन्द करते हैं। परमेश्वर भी आपको और मुझे 'मेरे बच्चे' कहकर संबोधित करते हैं। वह आपको नाम लेकर पुकारते है

लम्बे समय की प्रतीक्षा ?

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B.A. Manakala हे मेरे बल, मैं तेरी बाट जोह रहा हूँ, क्योंकि परमेश्वर मेरा दृढ़ गढ़ है। भजन 59:9 कई साल पूर्व हम उत्तर भारत के एक दूरस्थ गाँव में गए थे। गाँव के लोगों की सलाह के अनुसार, वापस शहर लौटने के लिए हम सुबह 10 बजे से बस का इंतज़ार करने लगे। दोपहर 2 बजे तक के लम्बे इंतज़ार के बाद, हम दूसरी बस पकड़ कर विपरीत दिशा में चले गए, क्योंकि जिस बस का हमने इंतज़ार किया वो कभी नहीं आई! दाऊद अपने बचाव के लिए परमेश्वर की प्रतीक्षा कर रहा है, क्योंकि वह जानता था कि यह प्रतीक्षा करने के योग्य है (भजन 59:9)। सामान्य तौर पर, प्रतीक्षा करना एक बहुत ही कठिन बात है। अक्सर हम एक निश्चित समय के बाद इंतज़ार करना बंद कर देते हैं। हम कितनी प्रतीक्षा कर सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हममें कितना धीरज है; और हममें कितना धीरज है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितना प्यार करते हैं (1 कुरि 13:4)। यदि आपमें प्यार है, तो इंतज़ार करना बहुत आसान होता है। क्या राहेल से विवाह करने के लिए याकूब ने 7 वर्षों तक प्रतीक्षा नहीं की थी? (उत्प 29:27-28) आप अपने जीवन में किसका उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं? क्या आ

सशक्त हैं शब्द !

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B.A. Manakala देखो, वे मुँह से डकारते हैं, उनके होंठों में तलवारें हैं; क्योंकि वे कहते हैं, "कौन सुनता है?" भजन 59:7 जब मैं छोटा था, मेरे हाथों से एक कीमती कप गिर कर टूट गया था। तब मेरी माँजी ने मुझसे कहा 'कोई बात नहीं, तुम चिंता मत करो'। उस पल मैं बहुत ही घबरा गया था। लेकिन मैं अभी भी अपनी माँजी के उन शब्दों को याद करता हूँ! "मधुर वचन मधु के छत्ते के समान होते हैं। वे प्राण के लिए मीठे और हड्डियों को चँगाई देने वाले होते हैं"  (नीति 16:24)। हम सभी जानते हैं कि "शब्द" बहुत प्रभावशाली हो सकते हैं और ये शब्द दूसरों की हानि भी कर सकते हैं या आशीषित भी कर सकते हैं। हम जो शब्द बोलते हैं, वह हमारे आंतरिक मनुष्य की बाहरी भावनाएँ हैं। पवित्र आत्मा, जो हमारे जीवन में कार्य करते हैं, वह हमारे अन्दर आत्मा के फल, जैसे, प्रेम, धैर्य और सौम्यता आदि, को उत्पन्न करते हैं, जो आशीष के शब्दों को उत्पन्न करते हैं। क्या आपको दूसरों के शब्दों से चोट पहुँची है? क्या आपने उन्हें माफ कर दिया है? जो चोट नहीं पहुँचाते, ऐसे शब्दों का उपयोग करने में आप पवित्र आत्मा पर कैसे भर

गली के कुत्तों पर ध्यान न लगाएँ !

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B.A. Manakala वे सायंकाल लौटकर, कुत्ते के समान गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं। भजन 59:6 हमारे पड़ोस में कई कुत्ते हैं। वे हर रात में बहुत ज़ोर से गुर्राते हैं और इससे हमारी नींद अक्सर खराब हो जाती है। हम कभी-कभी रात में घर के बाहर घूमने से भी डरते हैं। लेकिन साधारण तौर पर, यदि कोई उन्हें परेशान नहीं करता है, तो वे किसी को कुछ नहीं करते हैं। हमारा शत्रु भी रात में शिकार की तलाश कर रहे कुत्तों की तरह है। वे रात में अधिक खतरनाक होते हैं।यहाँ तक कि परमेश्वर ऐसे लोगों पर हँसते हैं (भजन 59:8)। परमेश्वर उनको देख लेंगे। परन्तु हमें अलग दिशा लेते हुए अपने ही रास्ते पर चलना और अपनी मंज़िल पर ध्यान केंद्रित रखना, इन बातों को सीखने की बहुत ज़रूरत है।  आपका शत्रु खुश होता है जब उसकी वजह से आपका ध्यान भंग होता है; वह, जो भी कर सकता है वो सब करेगा जिससे वह आपको समस्या में डाल सके। क्या गली के कुत्तों से आप आसानी से भयभीत हो जाते हैं? क्या हम अपना ध्यान बाकी बातों से हटाकर अपनी मंजिल की ओर केंद्रित कर सकते हैं? आपका शत्रु आपका ध्यान भंग करने के लिए बहुत कुछ करता है; तो आप भी परमेश्वर पर ध्यान

स्वर्गीय सेनाओं के परमेश्वर !

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B.A. Manakala हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर, सब अन्यजातियों को दण्ड देने के लिए जाग! किसी विश्वासघाती-अत्याचारी पर अनुग्रह न कर। भजन 59:5 एक दिन मेरे घर में मैंने एक चींटी को कुछ ले जाते देखा। जल्द ही मुझे एहसास हुआ कि इसके पीछे ही दूसरी चींटी भी वही चीज़ उठाकर ला रही है। अंत में, इसका स्रोत देखकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, जहाँ वे हजारों की गिनती में एक विशाल सेना थे! दाऊद, परमेश्वर को 'हे स्वर्गीय सेनाओं के परमेश्वर यहोवा' के रूप में यहाँ संबोधित कर रहा है, न कि केवल 'हे परमेश्वर'। हो सकता है, एक विशाल सेना के साथ परमेश्वर को देखने के बाद दाऊद अपने शत्रुओं को छोटा-सा महसूस करने लगा हो। (भजन 59:5) हम अक्सर परमेश्वर पर हमारी छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए ही भरोसा करते हैं, जैसे, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रावधान आदि। आपकी कल्पना से भी बढ़कर, परमेश्वर बड़े-बड़े और महान कार्य कर सकते हैं। परमेश्वर के तुल्य कोई भी नहीं है! (भजन 86:8) एक बार आपके द्वारा की हुई आखिरी प्रार्थना और अपनी उस प्रार्थना के विषय के बारे में सोचें। आपने परमेश्वर से किस विषय के लिए प्रार्थना की थी

कुछ भी गलत नहीं किया मैंने !

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B. A. Manakala मेरा कोई दोष नहीं, फिर भी वे दौड़कर मेरे विरुद्ध धावा करने को तैयार हो जाते हैं। मुझे बचाने के लिए जाग उठ और देख! भजन 59:4 मेरे स्कूल के दिनों में मेरे तीन दोस्तों को और मुझे, कुछ टेबल नीचे गिरने के कारण, हमारे प्रिंसिपल के द्वारा बुरी तरह से मार पड़ी थी। मैं निर्दोष था, क्योंकि मैंने खुद को जानबूझकर इसमें शामिल नहीं किया था। यहाँ भजनकार जो कहता है वो हमारे लिए भी अक्सर सही होता है (भजन 59:4)। याद रखिए, बिना किसी कारण के भी आप पर हमला किया जा सकता है। वास्तव में, जब आप एक धर्मी व्यक्ति हैं तो आपको अधिक क्लेश हो सकता है (1 तीमु 3:12)। लेकिन याद रहे कि ऐसा इसलिए नहीं होता है क्योंकि परमेश्वर आपकी रक्षा नहीं कर रहे हैं। कोई भी गलत काम न करने की आपकी इच्छा का आपके आस-पास के सभी लोगों के द्वारा प्रशंसा की जाती है; परमेश्वर भी आपसे प्रसन्न होते हैं। कृपया इसी तरह दृढ़ रहें। आप लगातार अच्छा कार्य करने पर हमेशा ध्यान केंद्रित कैसे कर सकते हैं? ज़िन्दगी में कई समस्याएँ झेलने के बावजूद भी अच्छा कार्य करने के लिए दृढ़ रहें! प्रार्थना:  प्यारे प्रभु जी, मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ

सोरगोह केह तुमरियोह कुपी

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B.A. Manakala तुह मेरोह सोब दुखरियोह हिसाब ज़ागेराह। तेंईए मेरोह मिस्ती-रीह लेह कुपी केह योमाए ज़ागेराह। तेंईंए सोब बुशै-रीह लेह तेरोह कताब केह लियेराह। भज़न संहिता 56:8 प्याज़ काटान-तेई मेरोह आखिह काह मुंलूक मिस्ती निखिंदोवाह। हुँ दयारो काह कोरदोहूँ, तेबिह मिस्ती छ़ारियान पोह ताह ज़ानिह केबिह। ज़ेबिह तामरीह सोरगोह केह नाशिं होतेई होतिन्चेह तामरीह एक बिशारेन-माईनोह ज़िनोह कुपी देखिं। (56:8) मिस्ती मोतलोब तामरियोह सुख-दुख, ईमानदारी-रीह आई होनोए आएक भावना-रियाह। काह तामरीह, तामरियोह ज़ुरूरतोह बैलारीह केह बातिह मिस्ती-छ़ारियांन पोह प्रार्थना कोरदेहिं-यांह?  परमेश्वर होसेरीह लेह बोरगोत देंदोवाह ज़ुन शोप कोरदेयाह आई होसेरीह लेह सुख पोरां।(मती 5:4) थैयार-रीह केह नाशनोह आई थैयार-रियोह साह रीह सिह बोदिह बैशनोह काह बोलोह कोसरोह शोप केह नाशनोंह आई होसेरीह बैशनोंह बोलोवाह। (सभोपदेशक 7:2) शोप, खुशी मोन्यांनोह काह बोदिह बोलोवाह। (सभो 7:3)। होज़ियोह तांईए, मौंनोह दुख-रीह आई फिकोर-रीह लेह दूर कोरोह (सभो 11:10) कोअ ज़ागोह किह खुशी आत्मांओ फोल रीह माज़ काह एकाह (गलातियों 5:22)। काह सोरगोह केह योमानोह त

सरग दी तुमौरे आशु सांज़णीं

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B.A. Manakala तु्ंमै मेरे बादे दुखो गाए आपणें नज़र राखअ;  तुंमै मेरै बादे आशु आपणीं बोतले दे सांज़ लोई अ, तोईं सै आपणी कताबो दे लिख छ़ाड़े असअ। (बज़न 56:8) ज़ोबे बी आं पैज़ काटु, त बोड़ी अ्सानीए मेरी आंखे द आशु आजअ; पर प्रार्थना त आं रोज कोरू पर शायद कोबे-कोबे ई मेरी आखे द आशु आओ! ज़ोबे हांमै सरगअ क डेउमै, तोबे हामै तैते एक कटोरी देखुमे; ज़ैईं देखेय हामै हैरान ओऊमें। (56:8) आशु हामौरे  दुख-सुख, आंनद,  ई्मानदारे, तोईं अलग-अलग भावनाए प्रौगट करअ । ज़ोबे हामै आपणीं ज़रूरते री तैईंक़ बोड़े ई प्यारे(नम्रतापूर्वक) प्रार्थना कोरू! त बी का हामै आशुए पांए प्रार्थना कोरू? परमेश्वर तिनौ मांछौ क बौरगत देय, जू शोग करअ सै शांन्ते पाओले (मती 5:4)  त्योआर तोईं खुशी मनाओणें आळे मांछौ सीथे रोअणें द बोड़िआ ; शोगअ मनाओंणें आळे सीथे रोअणों बोड़िआ असअ। (सभो 7:2) शोग, हासणैं द बोड़ीया असअ(7:3) ऐईरीतैईं तुमौरे ज़ीयु रे दुख तोईं फीकर पोरे टाळअ; (सभो 11:10) तोईं ऐ च़ीते राखअ की, आनंद आत्मे रे फलअ मांज़अ द एक असअ (गला 5:22) सरग दे कोठ्ठे ओणें ई का तुमौरा पोलका काम असअ? संसारो रा दुख एकी गड़ी रा ओअ; पर सरग  आळे पित

सोरोग कैह तुमोर रोह कुपी

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B.A. Manakala तुह मैंरोह दाके खानोह रोह हिसाब ज़ागदो सेह, तेईंयेह मैंरोह मिस्ती लाह आफरोह कुपी कैह योमाई ज़ागिस। आई तिज़ रोह हिसाब तेरोह कताब कैह चेमाई नाईंयां? (भजन 56:8) प्याज़ काटदि बेरेह मैंरोह आखिह काह मिस्ती ऐखो च़ोटोब निकिलदोस, हांऊ दयारोह प्रार्थना ताह टान्दो सुह तेबिह ज़ानिह मैंरोह मिस्ती कादुह निकलोसाह कोन मांलाह किछ़ बिह कोलाङ नाईं।  ज़ैत्रेह तामोरिह सोरोग कैह नाशसिह, तैत्रेह तामोरिह बिशादियेन थाकसिह तिनछे तामोरिह एकह कुपी लाह देखसिह। (भजन 56:8) मिस्ती- दूख, खुसी, इमानदारी आई होयोए मुलुक बावना होर लाह देख्यांदे सिह। ज़ैत्रेह तामोर रोह ज़ुरुरोत रिह बेरेह वाल सादाङ मोने प्रार्थना टान्दे सिह ताह, तैत्रेह तामोरिह कियाह मिस्ती बोयाएन पाह प्रार्थना टान्दे सियाह?  परमेश्‍वर तेनोर लाह आशिष देंदोस ज़ुन शोप टान्दे साह। ज़ुन शोप टान्दे साह, तेनोरिह सुकम्चाई साह। (मत्ती 5:4) खुसी मान्यांदे स्या सिह थाकनोह काह ताह, शोप टान्दे स्या सिह दयारोह बित्यानोह ओबोलस। (सभो 7:2) शोप टान्नोह, खुसी मान्यांनोह काह मुलुक ओबोलस। (सभो 7:3) होज़रोए तांई आफरोह मोन काह दुख आई बिस्मोन्ताङ फिरनोह दूर टानेओ। (