क्या परमेश्वर का उपहास किया जा सकता है?

B. A. Manakala

हे यहोवा, स्मरण कर कि शत्रु ने उपहास किया है, और मूर्ख जाति ने आपके नाम की निन्दा की है। भजन 74:18

एक बार बिलाम नाम का एक नबी परमेश्वर की इच्छा को तुच्छ समझते हुए गधे पर काठी कसकर चल पड़ा। जब परमेश्वर के एक दूत ने उनका मार्ग रोका, तब गधे ने अलग तरीके से व्यवहार किया। नबी ने गधे से पूछा, 'तुमने मेरा उपहास क्यों किया?' (गिनती 22)

अलग-अलग अवसरों पर हमें अक्सर दूसरों ने उपहास किए होंगे और हमारा उपहास किए जाने पर हमें तुरन्त ही ठेस भी पहुँच सकती है। उपहास किए जाने पर प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिक्रिया दिखाने की क्षमता अलग होगी। नेतृत्व करने वाले लोगों को साधारण तौर पर विभिन्न प्रकार के उपहास का सामना करना पड़ता है; परन्तु उनमें से ज़्यादातर लोग अपने नेतृत्व की भूमिका से नहीं भागते हैं। बिलाम नबी के गधे ने भी उनका उपहास किया था।

हम कई तरीकों से परमेश्वर का उपहास करते होंगे। परन्तु मुझे नहीं लगता कि परमेश्वर को हमारे किसी भी तरह के उपहास से ठेस पहुँचती होगी। हम केवल उनकी सृष्टि हैं। परमेश्वर अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे द्वारा किए गए उपहास को कैसे सम्भालना है।

क्या हम परमेश्वर का उपहास किए बिना मनुष्यों के उपहास को सम्भालने में सक्षम होंगे?

यदि हम जानबूझकर परमेश्वर का उपहास करते हैं तो इससे परमेश्वर की नहीं, बल्कि हानि हमारी ही होगी।

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, किसी भी तरीके से आपका उपहास न करते हुए सदा आपका सम्मान करने में मेरी मदद कीजिए। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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