क्या ही आशीष है !

B.A. Manakala


क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, जिसका पाप ढाँपा गया हो। भजन 32:1

हम अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं कि, "परमेश्वर ने मुझे घर, या कार, या व्यवसाय आदि देकर आशीष दी है"। निस्सन्देह! इन्हें इस पृथ्वी पर रहते हुए हमारे अस्थायी उपयोग के लिए परमेश्वर से प्राप्त हुई आशीष माना जा सकता है। ऐसी सारी आशीषों के लिए परमेश्वर का आभारी होना ज़रूर सीखें।

एन एल टी ट्रांस्लेशन (NLT) ने 'धन्य' शब्द के स्थान पर 'आनन्दित' शब्द का उपयोग किया है। वास्तविक आनन्द और आशीष उन वस्तुओं से नहीं आ सकती हैं, जिन्हें हम देखते हैं और स्पर्श करते हैं। यहाँ तक कि एक व्यक्ति को किसी जानलेवा बीमारी से पूरी चंगाई प्राप्त होने पर जो आनन्द मिलता है, वो भी ज़्यादा समय तक नहीं रह सकता है। क्योंकि वह व्यक्ति फिर से बीमार हो जाता है!

आपको सदा के लिए क्षमा कर दिया गया है, यह सच्चाई आपको किसी और बात से बढ़कर आनन्द देगा।

यदि आप सदैव आनन्दित रहना चाहते हैं तो इस तथ्य को याद रखें कि आपको सदा के लिए
क्षमा कर दिया गया है।

प्रार्थना:
प्यारे प्रभु जी, आपने मुझे सदा के लिए क्षमा किया है, इसलिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। मुझे बार-बार इस सत्य की याद दिलाते रहिए। आमीन!

 

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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