निज भाग !

B.A. Manakala "आप अपनी प्रजा का उद्धार कीजिए , और अपनी निज भाग को आशीष दीजिए ; उनकी चरवाही कीजिए और सदैव उन्हें सम्भाले रहिए।" भजन 28:9 अपनी सम्पत्ति में सभी क़ीमती सामान के बारे में सोचें। आप उन वस्तुओं को कितना महत्व देते हैं और उनको कैसे सम्भालते हैं ? क्या आप अपने बटुए को ऐसे ही कहीं भी छोड़ देते हैं , जिसमें आप रुपए सम्भालते हैं ? क्या आप अपनी कार को पार्किंग में बिना ताला लगाए ही छोड़ देते हैं ? कितनी अद्भुत बात है यह जानना कि हम परमेश्वर की निज भाग हैं। क्या आप यह महसूस करते हैं कि आपके लिए परमेश्वर का संरक्षण आपकी कल्पना से भी कहीं बढ़कर है ? वह एक चरवाहे की तरह आपकी अगुवाई करते हैं और आपको अपनी बाहों में उठा लेते हैं (भजन 28:9)। इस पृथ्वी पर रहते हुए आपको इससे अधिक और क्या सुरक्षा चाहिए ? जब आप चलते हैं तो आप अपने पैरों के निशान पीछे छोड़ जाते हैं ; परन्तु जब आप परमेश्वर के साथ चलते हैं तो आपके पीछे कोई निशान नहीं छूटते , क्योंकि आप परमेश्वर की बाहों में होते हैं। प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी , मैं आपको धन्यवाद देता हूँ क्योंकि मैं आपकी निज भाग हूँ और आप सदैव मु...