प्रभु से एक वर माँगना

B.A. Manakala


मैंने यहोवा से एक वर माँगा है, मैं उसी के यत्न में लगा रहूँगा: कि मैं अपने जीवन भर यहोवा के भवन में ही निवास करने पाऊँ, जिस से यहोवा की मनोहरता निहारता रहूँ और उसके मन्दिर में उसका ध्यान करता रहूँ। भजन 27:4  

यदि आपको परमेश्वर से सिर्फ एक वर माँगने का अवसर दिया जाए, तो आप क्या माँगना चाहेंगे? एक बार जब सुलैमान को ऐसा अवसर मिला तो उस ने बुद्धि का वर माँगा। परमेश्वर ने उसे बुद्धि और धन-सम्पत्ति दोनों दिया। परन्तु यह संदेहपूर्ण है कि क्या उसकी बुद्धि और धन-सम्पत्ति ने उसे अपने जीवन के अन्त समय तक परमेश्वर की इच्छानुसार जीवन बिताने में मदद की या नहीं। दाऊद ने एक वर माँगा: कि मैं अपने जीवन भर यहोवा के भवन में ही निवास करने पाऊँ (वचन 4) 

जिन विषयों के लिए हम परमेश्वर से माँगते और प्रार्थना करते हैं, आइए हम उन विषयों पर ध्यान दें। हमारी प्रार्थनाओं में से कितनी ऐसी प्रार्थनाएँ हैं, जिनका कोई अनन्त मूल्य है?

यदि आप केवल एक ही विषय के लिए प्रार्थना करते हैं, तो वो केवल ऐसा कुछ होने दें, जिसका अनन्तकाल तक मूल्य हो।

प्रार्थना:
प्यारे प्रभु जी, मैं आपका धन्यवाद देता हूँ कि आपने अनन्तकाल के लिए मेरी आत्मा का उद्धार किया। अनन्त दृष्टिकोण के साथ सारा जीवन जीने में मेरी सहायता कीजिए। आमीन!

  

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)


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