शुद्ध मन के लोग परमेश्वर की स्तुति करते हैं !
हे धर्मियो, आनन्द से यहोवा का जयजयकार करो, खरे लोगों को स्तुति करनी सोहती है। भजन 33:1
परमेश्वर
चाहते हैं कि उनकी सन्तान उनकी स्तुति करें। दुनिया में मसीहियों की आबादी में से
आपको क्या लगता है कि कितने लोगों के मन शुद्ध होंगे? कितने
लोग मन की सच्चाई से परमेश्वर की स्तुति करते होंगे?
हम, जो
परमेश्वर के द्वारा शुद्ध किए गए हैं, हमें सदा उनकी स्तुति करनी
है, क्योंकि
दुष्ट या अपवित्र या मृतक उनकी स्तुति नहीं कर सकते हैं (भजन 115:17)। आप परमेश्वर
की कितनी स्तुति कर पाते हैं? भजन 32:11 और भजन 33:1 में
बहुत समानता है। जब आप परमेश्वर को सही तरीके से देखते हैं, तभी
आप सही तरीके से उनकी स्तुति कर सकते हैं; केवल जिनके मन शुद्ध हैं, वो ही
परमेश्वर को देख सकते हैं (मत्ती 5:8)।
जो
लोग केवल नाम के 'मसीही' कहलाते हैं, वे नहीं, बल्कि केवल शुद्ध मन के लोग ही
परमेश्वर की स्तुति
पूरी सच्चाई से कर सकते हैं।
प्रार्थना:
प्यारे प्रभु जी, जीवन
भर अपने मन की गहराई से आपकी स्तुति करने में मेरी मदद कीजिए। आमीन!
(Translated from
English to Hindi by S. R. Nagpur)
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