सदा परमेश्वर का भय मानें!

B. A. Manakala

जब तक सूर्य और चन्द्रमा बने रहेंगे, लोग पीढ़ी से पीढ़ी तक तेरा भय मानते रहें! भजन 72:5

 

जब मैं पहाड़ों पर गाड़ी चलाता था तब एक जगह थी जहाँ बड़ी चट्टानों में से सड़क निकाला गया था। आरम्भ में चट्टानी सुरंग में से गाड़ी चलाना डरावना लगता था, क्योंकि यह मज़बूत नहीं दिखता था। लेकिन वर्षों बाद, जब मैं गाड़ी चलाते हुए कई बार वहाँ से गुज़रा, तब सुरंग या मेरे ऊपर की चट्टान के बारे में मैं बिलकुल भी चिन्तित नहीं होता था!

 

हमने कई वर्षों पूर्व प्रभु को अपने हृदय में स्वीकार किया होगा। परन्तु समय के साथ-साथ प्रभु के प्रति हमारा भय कम हुआ होगा। दुनिया में ऐसी कई बातें हैं जिनसे हम भयभीत होते हैं - चाहे वो, बीमारी, महामारी, युद्ध, सुरक्षा या निजता हो सकता है। यदि हम परमेश्वर का भय मानते हैं तो इनमें से कोई भी हमें भयभीत करने में कामयाब नहीं होगा। जब हम अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानते रहें, तब परमेश्वर सदा हमारे जीवन को आशीष देते हुए हमें जीवित रखते हैं (व्यव 6:24)। यहोवा का भय मानना आयु को बढ़ाता है (नीति 10:27)। बाकी सब बातों का भय हमें निराशा और विनाश की ओर ले जाता है। यह केवल परमेश्वर हैं जिनका हमें सदा के लिए भय मानना होगा!

 

ऐसी कौन सी बात है, जो प्रभु के लिए मेरा भय और प्रेम को चुराता है?

 

जितना अधिक हम परमेश्वर का भय (महान् सम्मान) मानते हैं, उतना ही हम बाकी सब बातों से कम भयभीत (खतरे की चिन्ता) होंगे!

 

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, सदा आपका भय मानने में मेरी सहायता कीजिए। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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