सर्वत्र और सदैव शासन करना!

B. A. Manakala

उसके दिनों में धर्मी फूले-फलें, और जब तक चन्द्रमा टल न जाए, असीम शान्ति बनी रहे। वह समुद्र से समुद्र तक, तथा महानद से पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करे। भजन 72:7-8

स्कूल के दिनों में कुछ दोस्त वादा करते थे, 'मैं हमेशा के लिए तुम्हारा दोस्त बना रहूँगा; मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूँगा'। लेकिन अधिकतर मामलों में, जब से मैंने स्कूल छोड़ा है, तब से ही मैंने उन्हें कभी नहीं देखा और उनमें से किसी से भी मेरा कोई सम्पर्क नहीं है!

जब तक चन्द्रमा टल न जाए तब तक और महानद से पृथ्वी की छोर तक सुलैमान का शासनकाल चलता रहे, ये वचन यही आशा करते हैं (भजन 72:7-8)। 'सर्वत्र' (everywhere) और 'सदैव' (forever) ऐसे शब्द हैं जिनका प्रभाव अनन्त है। कोई भी व्यक्ति या राजा कभी भी सर्वत्र नहीं पहुँच सकता है या सदैव पृथ्वी पर शासन कर सकता है! यहोवा सदा सर्वदा राज्य करते रहेंगे (निर्ग 15:18)। प्रभु यीशु युगानुयुग राज्य करेंगे (प्रका 11:15); और हम, उनकी सन्तान, प्रभु यीशु के साथ सदा के लिए राज्य करेंगे (दानि 7:27)!

परन्तु इसे कभी न भूलें कि हमें यहीं पृथ्वी पर परमेश्वर की भलाई की घोषणा करने के लिए पहले से ही एक राजकीय याजकों के समाज की पद्वी मिली हुई है (1 पतरस 2:9)।

क्या मैं सर्वत्र और सदैव परमेश्वर की भलाई को प्रदर्शित करने में योग्य हूँ?

'राजा सदैव अमर रहें' ऐसा पृथ्वी के राजाओं के लिए लोग अवश्य आशा करते होंगे; परन्तु केवल स्वर्गीय राज्य में ही यह एक वास्तविकता होगी!

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, सर्वत्र और सदैव आपकी भलाई की घोषणा करने में मेरी सहायता कीजिए। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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