कान जो मेरी ओर लगते हैं!

B. A. Manakala

अपनी धार्मिकता के कारण मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर, मेरी ओर कान लगा और मुझे बचा। भजन 71:2

थोड़ी दिन पहले मैंने एक बूढ़े व्यक्ति से बात की, जिन्हें कम सुनाई देता है। जब मैंने उनसे बात की तो वह अक्सर अपने दाहिने कान के पीछे अपना दाहिना हाथ रखते हुए अपना कान मेरी ओर कर रहे थे और मैंने जो कहा, उसे दोहराने के लिए कह रहे थे। मुझे उनसे बहुत ऊँची आवाज़ में बात करना पड़ा।

भजनकार की प्रार्थना है कि परमेश्वर अपना कान उसकी ओर लगाएँ क्योंकि वह चाहता है कि परमेश्वर उसे बचाएँ और छुड़ाएँ (भजन 71:2)। यहोवा का कान बहरा नहीं है कि हमारी पुकार सुन न सके (यशा 59:1)। परमेश्वर उन लोगों की सुनते हैं जो उनका भय मानते हैं और उनकी इच्छा पूरी करते हैं (यूहन्ना 9:31)।

मैं चाहता हूँ कि जब भी मैं क्रोधित होता हूँ और निरर्थक बातें बोलता हूँ, तब प्रभु अपना कान मेरी ओर न लगाएँ! जब परमेश्वर अपना कान मेरी ओर लगाते हैं तब वह क्या सुनते हैं?

केवल प्रभु से ही यह आशा न रखें कि वह अपना कान हमेशा आपकी ओर लगाएँ; बल्कि अपना कान भी उनकी ओर लगाएँ!

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, कृपया मेरी ओर कान लगाइए और आपकी ओर कान लगाने में भी मेरी मदद कीजिए। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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