परमेश्वर महान् हैं!
B. A. Manakala
तेरे सब खोजी तुझ में आनन्दित और मग्न हों; और तेरे उद्धार से प्रेम करने वाले निरन्तर कहें, "परमेश्वर महान् हैं।" भजन 70:4
'क्रिकेट हमारा धर्म है' यह एक प्रसिद्ध नारा है जिसे कई भारतीय चिल्लाते हुए बोलते हैं। जो लोग इस खेल को बहुत पसन्द करते हैं और इसके बारे में अत्यन्त उत्साहपूर्ण होते हैं वे इस तरह का नारा प्रदर्शित करेंगे।
क्या इनमें से कुछ को हमारे नारे के रूप में माना जा सकता है : 'मुझे व्हाट्सएप्प करो' (WhatsApp me), 'मैं व्यस्त हूँ', 'मेरा मोबाइल फोन', 'चलो, कुछ मज़ा करें', 'मुझे नौकरी मिल गई है'? हम जो अक्सर बोलते हैं उसी से हमारे जीवन का मूल विषय स्पष्ट दिखाई देगा।
'परमेश्वर महान् हैं' यह उन लोगों के लिए सबसे उत्तम नारा है जो वास्तव में परमेश्वर को जानते हैं। यदि हम इस वाक्यांश को अधिक से अधिक बार दोहराएँगे तो हम अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन में भी अपना प्रभाव डालेंगे।
यदि मैं पिछले एक सप्ताह को पीछे मुड़कर देखूँ, तो मेरा नारा कैसा रहा होगा?
हम अपने स्वयं के नारे को तय कर सकते हैं और उसे जितनी बार चाहें उतनी बार चिल्लाकर बोलने का चुनाव भी कर सकते हैं!
प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, मेरे पास ऐसा नारा हमेशा होना चाहिए जो आपको ग्रहणयोग्य हो। आमीन!
(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)
Comments
Post a Comment