यह यहोवा को प्रसन्न करेगा

B. A. Manakala

यह यहोवा को बैल से अधिक, वरन् सींग और खुर वाले जवान साँड़ से अधिक प्रसन्न करेगा। भजन 69:31

मेरा मित्र और मैं एक घर में मेहमान के रूप में भोजन कर रहे थे। मेरे मित्र ने उन अतिरिक्त व्यंजनों (side dish) में से एक को जल्दी से खाकर समाप्त कर दिया क्योंकि उसे वो पसन्द नहीं था, ताकि वह बाकी भोजन का आनन्द ले सके। लेकिन उन्हें वही व्यंजन अधिक परोसा गया, क्योंकि मेज़बान को लगा कि उन्हें यह व्यंजन बहुत पसन्द आया!

दाऊद को यह कहने का आत्मविश्वास था कि उसकी प्रशंसा, गायन, धन्यवाद और आराधना करने से प्रभु प्रसन्न हुए (भजन 69:30-31)। यदि मैं परमेश्वर को कुछ ऐसा देता रहूँ जिससे वह प्रसन्न न हों, तो यह केवल उस व्यंजन को परोसने जैसा होगा जो मेरे मित्र को पसन्द नहीं था! हमारे हृदय के आवश्यक गुण- व्यवहार, ईमानदारी, प्रेम आदि, इनको परमेश्वर सदा हमारी भेंट के साथ देखते हैं। परमेश्वर सभी भेंटों को स्वीकार नहीं करते हैं! कैन को स्मरण करें (उत्प 4:5)।

क्या मैं वास्तव में जानता हूँ कि यहोवा को क्या ग्रहणयोग्य है? मैं जो भेंट चढ़ाता हूँ, क्या वास्तव में यहोवा उससे प्रसन्न हैं?

जब वास्तव में मेरा भेंट परमेश्वर को ग्रहणयोग्य होगा, तभी वो अर्थपूर्ण भी होगा।

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, आपके हृदय को समझते हुए आपको ग्रहणयोग्य भेंट चढ़ाने में मेरी सहायता कीजिए। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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