युद्ध से प्रसन्न होते हैं ?
B. A. Manakala
नरकटों के जंगली जानवरों को, हाँ, साँड़ों के झुण्ड को डाँट जो देश देश के बछड़ों के मध्य है। वे चाँदी की छड़ों को लिए हुए चरणों में झुकें। जो लोग युद्ध से प्रसन्न होते हैं उनको उसने तितर-बितर किया है। भजन 68:30
कई वर्षों पूर्व मेरा एक मित्र था जो साधारण तौर पर कक्षा में बहुत शान्त रहता था। परन्तु, यदि कभी दोस्तों के बीच झगड़ा होने पर वह तुरन्त वहाँ आ जाता। बहुत ही धीमी आवाज़ में उनके कुछ सवालों से कुछ ही पलों में पूरी स्थिति शान्त हो जाती। वह समस्या के कारण के बारे में पूछताछ करके उसके हल करने का एक तरीका बता देता। अक्सर उनका इस तरह बीच में आना कई समस्याओं को हल करता था!
युद्ध से प्रसन्न होने वाले लोग जल्द ही तितर-बितर होंगे (भजन 68:30)। मनुष्य के पापी स्वभाव के कारण पृथ्वी पर झगड़े और युद्ध होना एक सामान्य बात है। परन्तु हममें से जो प्रभु यीशु मसीह के माध्यम से शान्ति प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें पृथ्वी पर शान्ति कराने वाला अवश्य ही बनना चाहिए। प्रभु यीशु शान्ति कराने वाले थे जो स्वर्ग से पृथ्वी पर आए थे। हम में से प्रत्येक व्यक्ति पृथ्वी पर शान्ति कराने वाले बनने के लिए परमेश्वर की आत्मा ने हमें सक्षम बनाया है। कुछ लोग समस्याओं को शुरू करते हैं, कुछ लोग झगड़ों को देखना पसन्द करते हैं, कुछ लोग घटनास्थल से बच निकलने का प्रयत्न करते हैं, और शान्ति कराने वाले लोग बहुत ही कम होते हैं।
ऊपर दी गई बातों में से आप किस श्रेणी में आते हैं?
यदि समस्या को टालना सबसे अच्छी बात होती तो परमेश्वर ने प्रभु यीशु को पृथ्वी पर भेजने के बजाए हमें नाश होने दिया होता!
प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, पृथ्वी पर शान्ति कराने वाला और शान्ति प्रेमी बनने में मेरी मदद कीजिए। आमीन!
(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)
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