छोटा अगुवा

B.A. Manakala
वहाँ सब से छोटा, बिन्यामीन, उनकी अगुवाई कर रहा है, वहाँ यहूदा के शासकों, और जबूलून व नप्ताली के शासकों के भी झुण्ड हैं। भजन 68:27

जब भी हम परिवार के साथ टहलने जाते हैं तो हमारा छोटा बेटा सबसे आगे मार्गदर्शक के रूप में चलना पसन्द करता है। वह कभी-कभी यह न जानते हुए कि अब कहाँ जाना है, चलते-चलते रास्ते में रुक जाता है; कई बार वह रास्ते के बारे में अनुमान लगा कर आगे बढ़ जाता है।

'छोटा अगुवा' एक विडम्बना युक्त वाक्यांश जैसे लगता है। हमारे मन में प्रश्न होगा कि 'क्या कोई अगुवा छोटा हो सकता है?' या 'क्या कोई छोटा व्यक्ति अगुवा हो सकता है?' शायद दोनों ही मानवीय दृष्टिकोण में तर्कहीन हैं। इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति धन, तीव्रबुद्धि, ज्ञान, प्रभाव, रूप-रंग आदि से एक अगुवा बन सकता है। इसलिए हम अक्सर यह सोचते हैं कि एक अगुवे में ये गुण होने चाहिए। नेतृत्व का सबसे अच्छा नमूना प्रभु यीशु में पाया जा सकता है, जिन्होंने कहा कि 'मैं अपनी सेवा करवाने नहीं, बल्कि सेवा करने के लिए आया हूँ' (मत्ती 20:28)। सच्चे अगुवों को हमेशा अगुवों के रूप में स्वीकार नहीं करते होंगे।

क्या आप मनुष्यों या परमेश्वर के द्वारा स्वीकृत अगुवा हैं?

यदि आपके पास उपाधि है, तभी आप एक अगुवा नहीं बनते हैं; परन्तु यदि आपमें नेतृत्व के अच्छे गुण हैं तो ही आप एक अगुवा हैं।

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, आप से नेतृत्व के गुण सीखने में मेरी सहायता कीजिए। आमीन!

(translated from English to Hindi by S.R. Nagpur)

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