दूसरे लोगों को बताएँ

B. A. Manakala

हे परमेश्वर का भय मानने वालो, सब आकर सुनो: मैं बताऊँगा कि उसने मेरे लिए क्या क्या किया है। भजन 66:16

मैं किसी ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ जो मेरा ध्यान परमेश्वर की ओर लगा देते हैं, जब भी मैं उनसे बातचीत करता हूँ। इसलिए, मुझे उनसे बातचीत करना बहुत पसन्द है।

मनुष्य अपने मन की बात दूसरे लोगों से बिना कहे और बिना बाँटे नहीं रह सकते। इसी तरह ही परमेश्वर ने उन्हें आरम्भ से बनाया। परन्तु एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि हम क्या बाँटते हैं।

ऐसा न सोचें कि हम केवल शब्दों के द्वारा ही दूसरे लोगों से बात करते हैं। हम हमेशा अपने जीवन के माध्यम से हमारे आस-पास के लोगों से बात करते हैं!

भजनकार यहाँ कहता है, 'मैं आपको बताऊँगा कि परमेश्वर ने मेरे लिए क्या क्या किया है' (भजन 66:16)। परमेश्वर के बारे में दूसरे लोगों को बताना जीवन भर का हमारा कर्तव्य है। आपकी बातचीत सदैव अनुग्रहमयी और आकर्षक रहे (कुलु 4:6)।

जब भी आपको कोई अवसर मिलता है तो आप लोगों को क्या बताते हैं?

हम हमेशा अपने आस-पास के लोगों को कुछ सन्देश देते रहते हैं; केवल वही सन्देश देने का प्रयत्न अवश्य करें जो लोगों के लिए लाभदायक हो!

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, आप मुझमें बढ़ते रहें ताकि मैं आपको अधिकतर प्रकट करता रहूँ। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)



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