आग और जल के द्वारा भरपूरी

B. A. Manakala

तू ने घुड़सवारों को हमारे सिरों पर से चलाया; हम आग और जल में से होकर निकले, फिर भी तू हमें भरपूरी के स्थान पर ले आया। भजन 66:12

एक बार हम 'साइलेंट वैली' (Silent Valley) नाम के एक पर्यटक स्थल पर गए। जंगल में पथरीली और कीचड़ भरी सड़क से दो घंटे की जीप की सवारी हमारे लिए बहुत कठिन थी। लेकिन जब हमने पहाड़ की चोटी पर से जो दृश्य देखा, वो बहुत शानदार था कि हम अपनी कठिन यात्रा के बारे में भूल ही गए।

हम पृथ्वी पर आग और जल में से होकर गुज़रते हैं; परन्तु अंत में हमारी मंज़िल भरपूरी का स्थान है (भजन 66:12)। आगे बढ़ने के लिए इन तीन बातों पर विचार करें:

1) कुछ अन्य लोग भी हैं जो आपके साथ यात्रा कर रहे हैं,

2) मार्ग के बजाय मंज़िल पर ध्यान केंद्रित करें और,

3) आपको निश्चित रूप से मंज़िल तक पहुँचाने में परमेश्वर समर्थ हैं।

कष्टकर यात्रा से आप अपना ध्यान कैसे हटाना चाहेंगे?

हमारी यात्रा कठिन और दु:खभरी है; परन्तु हमारी मंज़िल सुरक्षित और सुदृढ़ होगी!

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कठिन मार्ग में से होकर गुज़रने में मेरी मदद कीजिए। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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