परमेश्वर के हाथों में है हमारा जीवन

B. A. Manakala

वह तो हमारे जीवन को सुरक्षित रखता, और हमारे पैर को डिगने नहीं देता है। भजन 66:9

जब मैं कार चला रहा होता हूँ तो कभी-कभी मेरे छोटे बच्चे चालक की सीट पर बैठना चाहते हैं। आप जानते हैं कि गाड़ी चलाने के दौरान मुझे स्टीयरिंग (steering) उनको देने में कितनी सावधानी बरतनी पड़ती है। जब कार खड़ी रहती है तब ही वे अक्सर खुद को संतुष्ट कर लेते हैं।

हमारा जीवन अक्सर जोखिम में रहता है क्योंकि हो सकता है कि हम इसे सही तरीके से नहीं सम्भाल पाते हैं या हम इसे अपने मित्रों और अन्य लोगों के हाथों में दे देते हैं जो इसे सम्भालना नहीं जानते हैं।

स्मरण रखें, आपके बच्चों, माता-पिता, मित्रों, रिश्तेदारों आदि, ऐसे कई लोगों के जीवन आपके हाथों में भी हो सकते हैं। परमेश्वर पर भरोसा रखते हुए उन सबके जीवनों को सावधानीपूर्वक सम्भालने में पूरी कोशिश करें, ताकि अंत में वे भी अपने जीवन को सर्वशक्तिमान परमेश्वर के हाथों में समर्पण कर दें।

एक बार दाऊद ने कहा, मनुष्य के हाथों में पड़ने की तुलना में यहोवा के हाथों में पड़ना बेहतर है (2 शमूएल 24:14)।

क्या आप अपना जीवन सम्पूर्ण रीति से परमेश्वर को समर्पित करना चाहते हैं जो इसे अच्छी तरह से सम्भालना जानते हैं?

आप अपने जीवन को सबसे सुरक्षित हाथों में समर्पित करें जो इसे अनन्तकाल के लिए भी सुरक्षित रखना जानते हैं!

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, मैं अपना जीवन सम्पूर्ण रीति से आपके हाथों में देता हूँ; कृपया आपकी इच्छानुसार मुझे उपयोग कीजिए। आमीन!

 

(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

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