पृथ्वी पर की सम्पूर्ण वस्तुएँ

B. A. Manakala

 

सम्पूर्ण पृथ्वी तुझे दण्डवत् करेगी, और तेरा स्तुति-गान करेगी; लोग तेरे नाम का स्तुति-गान करेंगे। भजन 66:4

 

मैंने किसी व्यक्ति को यह कहते हुए सुना कि, "मैं वो सब कुछ खाता हूँ जो मुझे वापस काटने को नहीं आता", जिस का अर्थ है कि भोजन करते समय वह व्यक्ति पसन्द-नापसन्द का भाव नहीं रखता है। लेकिन मैंने उन्हें भोजन की मेज़ पर खास पसन्द-नापसन्द का भाव दिखाते हुए देखा है।

 

ऐसा कुछ भी नहीं है जो परमेश्वर की आराधना करने से छूट सकता है। 'सम्पूर्ण वस्तुओं' में परमेश्वर की सारी सृष्टि, यहाँ तक कि निर्जीव वस्तुएँ भी शामिल हैं। वे सभी परमेश्वर के और उनकी आज्ञाओं के प्रति समर्पित हैं। बाइबल में हम समुद्र, भूमि, पौधों, कृमियों, मछलियों, हवा आदि के उदाहरण देखते हैं जो परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते हैं! केवल मनुष्य ही अनाज्ञाकारी होने का चुनाव करता है क्योंकि उसे स्वेच्छा से चुनने का विकल्प दिया गया है। आज्ञा पालन करना बलिदान से बढ़कर है। दूसरे शब्दों में, आज्ञाकारिता के बिना आराधना करना व्यर्थ है।

 

क्या आप किसी अन्य सृष्टि की तरह ही परमेश्वर की आराधना करने में सक्षम हैं?

 

केवल अपने शब्दों के द्वारा ही परमेश्वर की आराधना करना व्यर्थ है, परन्तु अपने जीवन जीने के द्वारा परमेश्वर की आराधना करें!

 

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, अन्य सभी सृष्टि की तरह ही मुझे भी अपने आप को सम्पूर्ण रूप से आपके हाथों में समर्पित करने में मेरी सहायता कीजिए। आमीन!

 


(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)

Comments

Popular posts from this blog

अद्भुत युक्ति करनेवाला !

गुप्त पाप ?

क्रिएशिओ एक्स निहिलो (Creatio ex nihilo)