मैं जीवन भर ...
B. A. Manakala
इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूँगा, तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊँगा। भजन 63:4
मैंने मित्रों को यह कहते हुए सुना है कि जब वे एक-दूसरे से विदा होते हैं, 'मैं अपने जीवन भर आपको नहीं भूलूँगा'। मुझे आश्चर्य होता है कि ऐसे वायदे कब तक सच होते हैं।
दाऊद एक निर्णय करता है कि वह अपने जीवन भर परमेश्वर को धन्य कहता रहेगा (भजन 63:4)। हम अपने जीवन भर बिना कोई फैसला किए बहुत सारे काम करते रहेंगे, जैसे- खाना, सोना आदि। इसके अलावा, हम कई अन्य काम भी रोज़ाना की तरह करने का निर्णय करते हैं।
यदि हम दाऊद की तरह हमेशा परमेश्वर की स्तुति करने का निर्णय करते हैं, तो हमें यह भी यकीन होगा कि भलाई और करुणा हमारे जीवन भर हमारे साथ-साथ बनी रहेंगी (भजन 23:6)।
आप अपने जीवन भर क्या करने की इच्छा रखते हैं?
यदि केवल एक ही काम है जो आप को अपने जीवन भर करना हो, तो आप परमेश्वर की स्तुति करना ही चुनें!
प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, मेरे जीवन भर आपकी प्रशंसा करते रहने के लिए मुझे प्रशिक्षित कीजिए। आमीन!
(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)
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