इसे कई बार सुनें
21 September 2020
B. A. Manakala
परमेश्वर ने एक बात कही, दो बातें मैंने सुनी : कि 'सामर्थ्य परमेश्वर ही का है'। भजन 62:11
जब हम छोटे थे तो हम अपनी माँ से लड़ते थे। कभी-कभी जब उन्हें बहुत गुस्सा आता था तो वह हमसे कहती थीं कि 'तुम मुझे देखने के लिए बहुत तरसोगे।' जबकि 1995 में उनका निधन हो गया लेकिन आज भी उनके शब्द अक्सर मेरे कानों में गूँजते हैं।
आज हम जिस शोरभरी दुनिया में रहते हैं, उसमें जो भी हम पसंद करते हैं, उसे सुनने और देखने के लिए बहुत सारे अवसर होते हैं। और अपनी पसंद के अनुसार हम उन में से कई बातों पर मनन भी करते हैं।
अगर हम अपने आत्मिक मनुष्य को मज़बूत करना चाहते हैं, तो हमें अपने कानों में परमेश्वर की आवाज़ को जितनी बार संभव हो सके अवश्य गूँजने देना चाहिए। धन्य हैं वे जो दिन-रात परमेश्वर के वचन पर मनन करते रहते हैं (भजन 1:2)।
आप पूरे दिन में मनन करने के लिए क्या चुनेंगे?
जो आप बार-बार सुनते और देखते हैं वो धीरे-धीरे आपके जीवन को बदल देगा!
प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, आप मुझे सिखाइए कि जो भी आप कहते हैं, उसे मैं बार-बार सुन पाऊँ। आमीन!
(Translated from English to Hindi by S. R. Nagpur)
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